कानपुर की ऐतिहासिक धरा पर न जाने कितनी कलमों ने समाज की तस्वीरें उकेरी हैं, लेकिन कुछ कलमें ऐसी भी होती हैं, जिनके शब्दों में सच्चाई की खुशबू और संवेदनाओं की महक होती है। ऐसे ही एककलम के धनी हैं, वरिष्ठ पत्रकार राजेश द्विवेदी। उनके शब्दों ने न केवल खबरों को जीवंत किया, बल्कि समाज की धड़कनों को भी शब्दों में पिरोया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने शब्दों से उन्होंने न केवल समाचार पत्रों और मीडिया संस्थानों में अपनी छाप छोड़ी, बल्कि सच की आवाज को भी बुलंद किया। पत्रकारिता की यात्रा में उन्होंने हर पहलुओं पर न केवल काम किया बल्कि एक अलग लकीर खींची। क्राइम से लेकर हेल्थ, इंडस्ट्री, श्रम, राजनीति जैसी बीट पर तो काम किया ही अखबार जगत में डेस्क और फीचर डेस्क पर भी काम किया।
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