अगर किसी की कमाई के स्रोत अच्छे नहीं है, तो उसके प्रति अछूतपन का भाव नहीं रखना चाहिए, प्रेम से उसे सुधारना चाहिए और उसके जीवन में परिवर्तन करने की बात सोचनी चाहिए। तुम अन्यायी हो, अनाचारी हो, तुम हमारे पास नहीं आ सकते, यह कहना भी ठीक नहीं, उसको ठुकराओ मत धर्म सिखाओ, गले लगाओ आगे बढ़ाओ, ये हमारा धर्म है। हम ये जो ठुकराने की प्रवृत्ति अपनाते हैं यह भी गलत है। आज के समय में हर व्यक्ति के जीवन के साथ बहुत सारी विसंगतियां होती है। मैं तो देखता हूँ मेरे सम्पर्क में से बहुत से लोग हैं जिनके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आया है। सम्पर्क में आने के बाद जब उन्हें प्रेम से धर्म का मर्म समझाया गया, लोगों ने अपने जीवन में बदलाव किया।
83 दृश्य
© 2024 द हिन्दू टुडे. सर्वाधिकार सुरक्षित