मुनि प्रमाण सागर जी महाराज के अनुसार अच्छा पुण्य कमाने के चार माध्यम हैं। आचार्य जिनसेन ने महापुराण में लिखा है कि जितेंद्र भगवान की पूजा से पहला पूण्य, सत्पात्र को दान देने से दूसरा पुण्य, व्रतों का पालन करने से तीसरा पुण्य और उपवास करने से चौथा पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए जितना बन सके। अपनी शक्ति के अनुसार चारों में जुट जाओं। पुण्य की पुण्य होगा और जीवन धन्य होगा।
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