-बांग्लादेश और अन्य देशों में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निंदा
प्रयागराज , 16 दिसंबर। ‘सनातन संरक्षण की धर्मध्वजा को धारण करने वाले योगी आदित्यनाथ सही मायनों में सनातन का सूर्य हैं। वह सनातन के संरक्षण के दायित्वों को निभाते हुए नित्य ऐसे प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं जो किसी अन्य के क्षमता से परे हैं।
यह बात सोमवार को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कही। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए देश के प्रत्येक गांव से लोगों को जुड़कर लाभ उठाना चाहिए तथा स्थानीय प्रशासन के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों और तीर्थयात्रियों को खुद भी आगे आकर स्वच्छता व धर्मार्थ कार्यों में प्रतिभाग करना चाहिए।
स्वामी अवधेशानंद गिरी ने 2017 में प्रदेश में सीएम योगी की सरकार बनने के बाद 2019 में प्रयागराज में हुए कुम्भ के सफल आयोजन की प्रशंसा करते हुए महाकुम्भ 2025 के भव्य और दिव्य होने की आशा जताई। उन्होंने कहा कि यूं तो कुम्भ शताब्दियों से विचारों के आदान-प्रदान, विद्वानों के संगम और समस्त सनातनी शक्तियों की एकजुटता का केंद्र रहा है और धर्मसत्ता समेत देश की भी दशा-दिशा तय करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पहले शास्त्रार्थ विधि से विमर्श होता था, आज के आधुनिक स्वरूप की मांग के अनुसार अब अन्य प्रक्रियाओं ने भी जगह ले ली है। मुगल-अंग्रेज शासन व सनातन मूल्यों के प्रति उदासीन सरकारों के शासनकाल में भी कुम्भ के आयोजन हुए मगर, 2019 कुम्भ ने सनातन के सत्य-शाश्वत स्वरूप को पहली बार पूरी दुनिया में सही मायनों में प्रदर्शित किया। मौजूदा महाकुम्भ इसमें एक कड़ी आगे बढ़कर सफलता के नए प्रतिमानों को स्थापित करने वाला सिद्ध होने जा रहा है।
सनातन हितों के रक्षण का बनेगा माध्यम
बांग्लादेश में जारी सियासी उठापटक के बीच हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की भर्त्सना करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरी ने बांग्लादेश को कृतघ्न राष्ट्र करार दिया। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में सनातन व हिंदू हितों के विरुद्ध हो रहे षड़यंत्रों के खिलाफ एकता ही एकमात्र विकल्प है। वैश्विक पटल पर विश्वगुरू तथा महाशक्ति के तौर पर भारत के अरुणोदय को लेकर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि वह दिन बीत गए जब वैश्विक ताकतें भारत को पिछली पंक्ति में खड़ा पाती थीं, आज भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामरिक शक्ति उसे दुनिया का सशक्त राष्ट्र बना रही हैं और यही कारण है कि सकल विश्व आज भारत को समझना चाहता है। चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर इजरायल-फिलिस्तीन विवाद, भारत ने हमेशा अपनी इंडिया फर्स्ट की सशक्त विदेश नीति का पालन करते हुए न केवल राष्ट्रहित बल्कि मानवता के हित को भी ध्यान में रखा।
सफल बनाने का किया आह्वान
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने महाकुम्भ को स्वच्छ, स्वस्थ, हरित व डिजिटल बनाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं और श्रद्धालुओं से स्थानीय प्रशासन की मदद करने की अपील की। उन्होंने अपील की है कि भारतीय हैं, हिन्दू हैं तो ऐसे ही दिखने भी चाहिए। वेशभूषा सनातनी मान्यताओं के अनुरूप ही रखें। शिखा, तिलक, कलावा, यज्ञोपवीत आदि धारण करें और नियमों का प्रतिदिन पालन करें।
विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का होगा आयोजन
उन्होंने आगे कहा कि 6 जनवरी को कैम्प में उनकी कथा का आयोजन किया जाएगा तथा विविध प्रकार के धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत सबसे पहले श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा द्वारा की जाएगी।
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